ફક્ત દસ દિવસમાં પાસપોર્ટ બનાવો...
नई दिल्ली. पासपोर्ट बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब सिर्फ 10 दिन में पासपोर्ट बन सकता है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और इसके लिए डॉक्युमेंट्स की लिस्टिंग करना भी जरूरी नहीं है। अपने डॉक्युमेंट्स आवदेक ऑनलाइन समिट कर सकता है। साथ ही, आइडेंटिटी प्रूफ और ऐड्रेस प्रूफ जैसे तमाम डॉक्युमेंट की जगह सिर्फ एक आधार कार्ड से भी काम हो सकता है। आवेदन करते ही आपको अगले 3 दिनों में अप्वॉइंटमेंट मिल जाएगा। पूरी प्रक्रिया होने के ठीक 7 दिन बाद आपका पासपोर्ट आपके हाथ में होगा। यानी कुल मिलाकर सिर्फ 10 दिनों में आपका पासपोर्ट आपके पास आ सकता है।
गाजियाबाद
के पासपोर्ट अधिकारी सीताराम यादव का कहना है कि पहले प्रॉसेस में समय
लगता था। इसलिए डॉक्युमेंटेशन के जरिए समय को बचाने की कोशिश की जा रही है।
हालांकि, कभी-कभी डाक सेवा में देरी या छुट्टियों के चलते पासपोर्ट
पहुंचने में ज्यादा समय लग जाता है।
आधार कार्ड का फायदा
सरकार
ने आधार कार्ड की प्रक्रिया से आवेदक की आपराधिक गतिविधियों के सत्यापन
की प्रणाली बनाने की कोशिश की है। नई प्रक्रिया के तहत यदि कोई पासपोर्ट
के लिए आवेदन करता है और उसके पास आधार कार्ड नहीं है, तो पहले उसे आधार
कार्ड बनवाना पड़ सकता है।
क्यों होती थी देरी ?
दरअसल,
सरकार के पास पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन के संबंध में लगातार शिकायतें
आती हैं और इसके चलते पासपोर्ट जारी करने में देरी होती है। आवेदक को
सुविधा देने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने यह निर्णय लिया है। हम
आपको बता रहे हैं कि आवेदक किस तरह अपने पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर
सकता है और सिर्फ 10 दिन में अपना पासपोर्ट हासिल कर सकता है।
विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए कई नए नियमों की घोषणा की है.शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट बनवाने के नियमों को और भी ज्यादा उदार और आसान बनाने के लिए कई नए नियमों की घोषणा की है.
इस नियमों के लागू के जाने से पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वाले भारतीय नागरिकों को काफी फायदा होगा.नए नियमों में जन्म प्रमाण पत्र, शादी का प्रमाण पत्र और माता या पिता या फिर कानूनी अभिभावकों के उल्लेख के बारे में कई बदलाव किए हैं.
अब से पहले जिनके पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं होते थे, उनको मजिस्ट्रेट से प्रमाण पत्र लेना होता था, लेकिन अब आधार कार्ड में उल्लेखित जन्मतिथि को मान्यता दे दी गई है.
आधार कार्ड के अलावा ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, स्कूल का प्रमाणपत्र या फिर मतदाता पहचान पत्र को भी जन्म तिथि के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा.
अ नाथ बच्चों के लिए उनके अनाथालय के प्रमाण पत्र को जन्मतिथि और अभिभावक के नाम के स्थान पर इस्तेमाल करने की सुविधा की गई है.
विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रकाशित नियम इस तरह से हैं:
(1). जन्म एवं मृत्य के रजिस्ट्रार या नगर निगम या भारत में जन्म लेने वाले बच्चों को पंजीकृत करने के लिए जन्म एवं मृत्यु अधिनियम, 1969 के अंतर्गत अन्य किसी निर्धारित प्राधिकारी द्वारा जारी जन्मतिथि प्रमाणपत्र.
(2). लास्ट अटेंडेड स्कूल/मान्यता प्राप्त शैक्षणिक बोर्ड द्वारा जारी ट्रांसफर/स्कूल लीविंग/10वीं सर्टिफिकेट, जिस पर आवेदक की जन्म की तारीख लिखी हो.
(3) आयकर विभाग द्वारा जारी पैन-कार्ड, जिस पर उम्मीदवार की जन्म की तारीख लिखी हो(4). आधार कार्ड/ई-आधार कार्ड जिस पर उम्मीदवार की जन्मतिथि लिखी हो.
(5). आवेदक के सर्विस रिकॉर्ड की प्रति (केवल सरकारी कर्मियों के संबंध में) या पे-पेंशन ऑर्डर (केवल सेवानिवृत कर्मियों के संबंध में), आवेदक के संबंधित मंत्रालय/विभाग के प्रशासन में ऑफिसर/इन-चार्ज द्वारा अटेस्टेड/सर्टिफाइड, जिसमें जन्म की तारीख लिखी हो.
(6). संबंधित राज्य सरकार द्वारा जारी ड्राइविंग लाइसेंस, जिस पर उम्मीदवार की जन्म की तारीख लिखी हो.
(7). भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी चुनाव फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी), जिस पर उम्मीदवार की जन्म की तारीख लिखी हो.
(8). पब्लिक लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन/कंपनियों दवारा जारी पॉलिसी बॉन्ड जिस पर इंश्योरेंस पॉलिसी के होल्डर की जन्म की तारीख लिखी हो.
समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं.
(1). ऑनलाइन पासपोर्ट आवेदन पत्र में अब माता या पिता या फिर कानूनी अभिभावक के नाम में से किसी एक का नाम देना होगा. इससे सिंगल पेरेंट्स के बच्चों को पासपोर्ट जारी करने में आसानी होगी.
(2). पासपोर्ट नियमावली 1980 के 15 बिंदुओं को कम करके अब 9 कर दिया गया है. बिंदुओं ए, सी, डी, ई, जे और के को हटा दिया गया है और कुछ बिंदु किसी दूसरे बिंदु में मिला दिए गए हैं.
(3). आवेदकों द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर दी जाने वाली जानकारी सादे कागज पर एक सेल्फ डिक्लरेशन के रूप में होगा. किसी अटेस्टेशन/शपथ/नोटरी/कार्यकारी मजिस्ट्रेट/प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की आवश्यकता नहीं होगी.
(4). शादीशुदा आवेदकों को ‘एनेक्चर के’ या विवाह प्रमाणपत्र देना जरूरी नहीं होगा.
(5). तलाक या अलग होने की स्थिति में पासपोर्ट आवेदन पत्र में अब पति/पत्नी का नाम देना जरूरी नहीं होगा. इसके लिए तलाकनामे की जरूरत भी नहीं होगी.
(6). अनाथालय में रहने वाले बच्चे जिनके पास जन्म की तारीख या 10वीं क्लास का सर्टीफिकेट नहीं हैं, वह अनाथालय/चाइल्ड केयर होम के प्रमुख की ओर से उनके आधिकारिक लेटर हेड पर आवेदन की जन्म की तारीख साबित करने वाला एक शपथ पत्र जमा कर सकते हैं.
(7). बच्चे को गोद लेने के स्थिति में इसका सर्टीफिकेट देना जरूरी नहीं होगा. सादे कागज पर भी गोद लेने को तय करने वाला शपथ पत्र दिया जा सकता है.
(8). साधु-सन्यासी पासपोर्ट आवेदन पत्र में अपने माता-पिता की नाम की जगह अपने धर्मगुरु का नाम दे सकते हैं, बशर्ते कि उन धर्मगुरु का नाम किसी सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हो, फोटो आईडी कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड वगैरह.
पासपोर्ट बनवाना अब और हुआ आसान, सरकार ने बदले नियम
विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए कई नए नियमों की घोषणा की है.शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट बनवाने के नियमों को और भी ज्यादा उदार और आसान बनाने के लिए कई नए नियमों की घोषणा की है.
इस नियमों के लागू के जाने से पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वाले भारतीय नागरिकों को काफी फायदा होगा.नए नियमों में जन्म प्रमाण पत्र, शादी का प्रमाण पत्र और माता या पिता या फिर कानूनी अभिभावकों के उल्लेख के बारे में कई बदलाव किए हैं.
अब से पहले जिनके पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं होते थे, उनको मजिस्ट्रेट से प्रमाण पत्र लेना होता था, लेकिन अब आधार कार्ड में उल्लेखित जन्मतिथि को मान्यता दे दी गई है.
आधार कार्ड के अलावा ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, स्कूल का प्रमाणपत्र या फिर मतदाता पहचान पत्र को भी जन्म तिथि के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा.
साधु-संन्यासियों
के लिए माता-पिता के नाम पर उनके अध्यात्मिक गुरु का नाम देने की छूट दी
गई है. सिंगल मदर या फादर वाले बच्चों के लिए पासपोर्ट पर माता या पिता या
फिर कानूनी अभिभावक के नाम के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है.
विवाहित
लोगों के लिए विवाह का प्रमाण पत्र देने की जरुरत को भी हटा दिया गया है.
सरकारी लोगों या नौकरशाहों को अपने विभाग से अनापत्ति प्रमाण लेने के नियम
को भी खत्म कर दिया गया है.अ नाथ बच्चों के लिए उनके अनाथालय के प्रमाण पत्र को जन्मतिथि और अभिभावक के नाम के स्थान पर इस्तेमाल करने की सुविधा की गई है.
विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रकाशित नियम इस तरह से हैं:
जन्मतिथि का प्रमाण
पासपोर्ट
नियमावली, 1980 के मौजूदा वैधानिक प्रावधानों के अनुसार 26/01/1989 को या
उसके बाद जन्म लेने वाले आवेदकों को पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्मतिथि के
प्रमाण के तौर पर अपना जन्म प्रमाणपत्र पेश करना जरुरी होता था, लेकिन नए
नियमों के अनुसार ऐसे आवेदक जन्म के सबूत के तौर पर नीचे दिए गए दस्तावेजों
में से कोई भी एक दस्तावेज दिखा सकते हैं-(1). जन्म एवं मृत्य के रजिस्ट्रार या नगर निगम या भारत में जन्म लेने वाले बच्चों को पंजीकृत करने के लिए जन्म एवं मृत्यु अधिनियम, 1969 के अंतर्गत अन्य किसी निर्धारित प्राधिकारी द्वारा जारी जन्मतिथि प्रमाणपत्र.
(2). लास्ट अटेंडेड स्कूल/मान्यता प्राप्त शैक्षणिक बोर्ड द्वारा जारी ट्रांसफर/स्कूल लीविंग/10वीं सर्टिफिकेट, जिस पर आवेदक की जन्म की तारीख लिखी हो.
(3) आयकर विभाग द्वारा जारी पैन-कार्ड, जिस पर उम्मीदवार की जन्म की तारीख लिखी हो(4). आधार कार्ड/ई-आधार कार्ड जिस पर उम्मीदवार की जन्मतिथि लिखी हो.
(5). आवेदक के सर्विस रिकॉर्ड की प्रति (केवल सरकारी कर्मियों के संबंध में) या पे-पेंशन ऑर्डर (केवल सेवानिवृत कर्मियों के संबंध में), आवेदक के संबंधित मंत्रालय/विभाग के प्रशासन में ऑफिसर/इन-चार्ज द्वारा अटेस्टेड/सर्टिफाइड, जिसमें जन्म की तारीख लिखी हो.
(6). संबंधित राज्य सरकार द्वारा जारी ड्राइविंग लाइसेंस, जिस पर उम्मीदवार की जन्म की तारीख लिखी हो.
(7). भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी चुनाव फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी), जिस पर उम्मीदवार की जन्म की तारीख लिखी हो.
(8). पब्लिक लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन/कंपनियों दवारा जारी पॉलिसी बॉन्ड जिस पर इंश्योरेंस पॉलिसी के होल्डर की जन्म की तारीख लिखी हो.
अंतर-मंत्रालयी समिति की रिपोर्ट
पासपोर्ट
बनवाने की प्रक्रिया में सिंगल पेरेंट और गोद लिए बच्चों से जुड़ी तमाम
समस्याओं को निपटाने के लिए विदेश मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास
मंत्रालय के अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति बनाई गई थी. समिति की रिपोर्ट
को विदेश मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है.समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं.
(1). ऑनलाइन पासपोर्ट आवेदन पत्र में अब माता या पिता या फिर कानूनी अभिभावक के नाम में से किसी एक का नाम देना होगा. इससे सिंगल पेरेंट्स के बच्चों को पासपोर्ट जारी करने में आसानी होगी.
(2). पासपोर्ट नियमावली 1980 के 15 बिंदुओं को कम करके अब 9 कर दिया गया है. बिंदुओं ए, सी, डी, ई, जे और के को हटा दिया गया है और कुछ बिंदु किसी दूसरे बिंदु में मिला दिए गए हैं.
(3). आवेदकों द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर दी जाने वाली जानकारी सादे कागज पर एक सेल्फ डिक्लरेशन के रूप में होगा. किसी अटेस्टेशन/शपथ/नोटरी/कार्यकारी मजिस्ट्रेट/प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की आवश्यकता नहीं होगी.
(4). शादीशुदा आवेदकों को ‘एनेक्चर के’ या विवाह प्रमाणपत्र देना जरूरी नहीं होगा.
(5). तलाक या अलग होने की स्थिति में पासपोर्ट आवेदन पत्र में अब पति/पत्नी का नाम देना जरूरी नहीं होगा. इसके लिए तलाकनामे की जरूरत भी नहीं होगी.
(6). अनाथालय में रहने वाले बच्चे जिनके पास जन्म की तारीख या 10वीं क्लास का सर्टीफिकेट नहीं हैं, वह अनाथालय/चाइल्ड केयर होम के प्रमुख की ओर से उनके आधिकारिक लेटर हेड पर आवेदन की जन्म की तारीख साबित करने वाला एक शपथ पत्र जमा कर सकते हैं.
(7). बच्चे को गोद लेने के स्थिति में इसका सर्टीफिकेट देना जरूरी नहीं होगा. सादे कागज पर भी गोद लेने को तय करने वाला शपथ पत्र दिया जा सकता है.
(8). साधु-सन्यासी पासपोर्ट आवेदन पत्र में अपने माता-पिता की नाम की जगह अपने धर्मगुरु का नाम दे सकते हैं, बशर्ते कि उन धर्मगुरु का नाम किसी सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हो, फोटो आईडी कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड वगैरह.
इन
बदलावों को निश्चित करने के लिए सरकारी जर्नल में जल्द ही आधिकारिक सूचना
प्रकाशित की जाएगी. इन बदलावों के बारे में पासपोर्ट दफ्तर और विदेश में
बने पासपोर्ट दफ्तरों को सूचना दी जा रही है.
विदेश मंत्रालय को
उम्मीद है कि पासपोर्ट जारी करने के लिए जरूरी नियमों में बदलावों के बाद
लोगों को पासपोर्ट मिलने में आसानी होगी. इसके साथ ही मंत्रालय को भी
नागरिकों को पासपोर्ट सही समय, पारदर्शी, आसान और ज्यादा भरोसेमंद तरीके से
जारी करने में मदद मिलेगी.
ये सब कुछ एक सुविधापूर्ण वातावरण में बगैर किसी परेशानी के प्रशिक्षित और समर्पित कर्मचारियों द्वारा सफलतापूर्व किया जा सकेगा
સરકારે જાહેર કર્યા પાસપોર્ટના નવા નિયમો
નવી દિલ્હી – દેશમાં પાસપોર્ટ ઈસ્યૂ કરવાની પ્રક્રિયાને ઝડપી અને સરળ બનાવવા માટે કેન્દ્ર સરકારે નવા પાસપોર્ટ નિયમો જાહેર કર્યા છે.
હવે પાસપોર્ટ માટેની અરજી આપતી વખતે જન્મનું પ્રમાણપત્ર (બર્થ સર્ટિફિકેટ) બનાવવા માટે સરકારી કચેરીઓમાં ધક્કા ખાવાની જરૂર નહીં પડે.
સરકારે આધાર કાર્ડને જ જન્મતિથિના રૂપમાં પ્રમાણિત કરવાનું નક્કી કર્યું છે.
વિદેશ મંત્રાલયે જાહેર કરેલી એક અખબારી યાદીમાં જણાવ્યું છે કે નવા નિયમો અને વ્યવસ્થાને લીધે પાસપોર્ટ બનાવવાની પ્રક્રિયા આસાન બની જશે.
આ પહેલાંના નિયમાનુસાર, 26 જાન્યુઆરી, 1989 બાદ જન્મેલા લોકોએ પાસપોર્ટ બનાવવા માટે બર્થ સર્ટિફિકેટ રજૂ કરવાનું આવશ્યક હતું.
નવા પાસપોર્ટ નિયમ અંતર્ગત ડ્રાઈવિંગ લાઈસન્સ, પેન કાર્ડ અને આધાર કાર્ડ, મેટ્રિક સર્ટિફિકેટ, મતદાતા પ્રમાણપત્ર પણ બર્થ સર્ટિફિકેટ તરીકે કામ કરશે.
સાધુ-સન્યાસીઓ માટે પણ પાસપોર્ટ નિયમો સરકારે આસાન બનાવ્યા છે. એમણે પાસપોર્ટની અરજી આપતી વખતે એમના આધ્યાત્મિક ગુરુના નામનો ઉલ્લેખ કરવો પડશે.
એવી જ રીતે, સિંગલ માતા કે પિતા ધરાવતા બાળકો માટે પણ પાસપોર્ટ અરજી પ્રક્રિયા સરળ બનાવવામાં આવી છે. માત્ર એક જ વાલીનું નામ લખવું પર્યાપ્ત બનશે. વિવાહિત યુવકોએ લગ્નનું સર્ટિફિકેટ રજૂ કરવાની જરૂર નહીં રહે.
સરકારે જાહેર કર્યા પાસપોર્ટના નવા નિયમો
નવી દિલ્હી – દેશમાં પાસપોર્ટ ઈસ્યૂ કરવાની પ્રક્રિયાને ઝડપી અને સરળ બનાવવા માટે કેન્દ્ર સરકારે નવા પાસપોર્ટ નિયમો જાહેર કર્યા છે.
હવે પાસપોર્ટ માટેની અરજી આપતી વખતે જન્મનું પ્રમાણપત્ર (બર્થ સર્ટિફિકેટ) બનાવવા માટે સરકારી કચેરીઓમાં ધક્કા ખાવાની જરૂર નહીં પડે.
સરકારે આધાર કાર્ડને જ જન્મતિથિના રૂપમાં પ્રમાણિત કરવાનું નક્કી કર્યું છે.
વિદેશ મંત્રાલયે જાહેર કરેલી એક અખબારી યાદીમાં જણાવ્યું છે કે નવા નિયમો અને વ્યવસ્થાને લીધે પાસપોર્ટ બનાવવાની પ્રક્રિયા આસાન બની જશે.
આ પહેલાંના નિયમાનુસાર, 26 જાન્યુઆરી, 1989 બાદ જન્મેલા લોકોએ પાસપોર્ટ બનાવવા માટે બર્થ સર્ટિફિકેટ રજૂ કરવાનું આવશ્યક હતું.
નવા પાસપોર્ટ નિયમ અંતર્ગત ડ્રાઈવિંગ લાઈસન્સ, પેન કાર્ડ અને આધાર કાર્ડ, મેટ્રિક સર્ટિફિકેટ, મતદાતા પ્રમાણપત્ર પણ બર્થ સર્ટિફિકેટ તરીકે કામ કરશે.
સાધુ-સન્યાસીઓ માટે પણ પાસપોર્ટ નિયમો સરકારે આસાન બનાવ્યા છે. એમણે પાસપોર્ટની અરજી આપતી વખતે એમના આધ્યાત્મિક ગુરુના નામનો ઉલ્લેખ કરવો પડશે.
એવી જ રીતે, સિંગલ માતા કે પિતા ધરાવતા બાળકો માટે પણ પાસપોર્ટ અરજી પ્રક્રિયા સરળ બનાવવામાં આવી છે. માત્ર એક જ વાલીનું નામ લખવું પર્યાપ્ત બનશે. વિવાહિત યુવકોએ લગ્નનું સર્ટિફિકેટ રજૂ કરવાની જરૂર નહીં રહે.
आइये, जानते हैं क्या है पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन का प्रॉसेस...
स्टेप-1- पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करें
सबसे पहले पासपोर्ट सेवा पोर्टल की वेबसाइट http://www.passportindia.gov.in/AppOnlineProject/welcomeLink
पर जाएं। पेज पर register now के लिंक पर क्लिक करें। रजिस्टर करें। इसमें
अपनी डिटेल्स भरें। इसके बाद आपको ई-मेल आईडी पर लॉगिन आईडी मिल जाएगी।
वापस होम पेज पर जाएं।
स्टेप-2- लॉगिन करें
ई-मेल
पर आए लिंक पर क्लिक करके अपने अकाउंट को एक्टिवेट करें। यूजर आईडी भरें
और फिर पासवर्ड डालें। अप्लाई फॉर फ्रेश पासपोर्स (Apply For Fresh
Passport) या री-इश्यू ऑफ पासपोर्ट लिंक पर क्लिक करें। इसके बाद दो पार्ट
हैं। ऑनलाइन पासपोर्ट आवेदन करने के लिए दूसरे ऑप्शन पर क्लिक करें।
आगे जानिए, ऑनलाइन पासपोर्ट आवेदन के बाकी स्टेप्स...
*Application Form For Fresh Or Re-issue Of PASSPORT CLICK HERE
*The Instructions Booklet For Main And Supplementary Passport Application Form Click here
* પાસપોર્ટ એકટ-1967 અને પાસપોર્ટ રૂલ્સ-1980 જોવા અહીં ક્લિક કરો
* પાસપોર્ટ વેબસાઈટ પર જવા અહીં ક્લિક કરો...
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